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मनुस्मृती

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मनुस्मृती मनुस्मृती  हा एक प्राचीन भारतीय हिंदू धर्मशास्त्र विषयक ग्रंथ आहे. मनुस्मृतीला मानव धर्मशास्त्र असेही ओळखले जाते.  ब्रिटीश  काळात इ.स. १७९४  इंग्रजी  भाषेत भाषांतर झालेला हा सर्वात पहिला ग्रंथ असून याच्यावरूनच ब्रिटिशांनी हिंदू  कायदा  तयार केला. मनुस्मृती मनुस्मृतीतील छंदबद्ध रचनेवरून ती इ.स.पू.२ रे शतक ते इ.स.३ रे शतक या काळातील असावी. मनुस्मृती हा मनु आणि भृगु यांतील धर्मावरील संवाद आहे. यात कर्तव्ये, आचार, गुण, नियम व अधिकार इ. बाबतीत चर्चा आहे. मनुस्मृतीच्या आज ५० हून अधिक प्रती उपलब्ध असून त्यातील  कोलकाता  येथील इ.स.१८ व्या शतकातील प्रत अधिकृत मानली जाते. मनुस्मृतीचा प्रसार भारताबाहेर म्यानमार,  थायलंड ,  कंबोडिया  आणि  इंडोनेशियामध्ये  देखील झाला होता.  महाराष्ट्र  राज्यात  महाराष्ट्र शासनाने  मनुस्मृतीच्या विक्री-खरेदीवर बंदी घातलेली आहे. [१]  मनुस्मृती मध्ये  अस्पृश्य ,  शूद्र  व स्त्रियांबद्दल अन्यायकारक काही कायदे/श्लोक सुद्धा आहेत. [२] [३]  या ग्रंथाम...

सिसोदिया (राजपूत)

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सिसोदिया (राजपूत) | Wikiwand मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से सिसोदिया राजपूतों की कुलदेवी (बाणमाता) सिसोदिया   भारतीय  राजपूत  जाती में पाए जानेवाला एक गोत्र है, जिसका  राजस्थान के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान है।  👉 सिसोदिया शब्द की उपत्ती शिसोदा गांव से हुई ,   👉 तत्कालीन समय में राव रोहितास्व भील को पराजित कर करणसिंह ने आधिपत्य कर लिया और उसी गांव के आधार पर सिसोदिया शब्द प्रचलन में आया  [1] । 👉सिसोदिया राजपूत भी अन्य राजपूतों की तरह  सूर्यवंशी  होने का दावा करते हैं। [2] सिसोदिया मेवाड़ के शासक थे , सिसोदिया और  भील  दोनों जातियों के संबंध अच्छे रहे है , जब भी कोई राजा गद्धी पर बैठता तो उसका राजतिलक भील प्रमुख द्वारा किया जाता था , दर्शाल भील राजस्थान के प्राचीन शासकों में से एक थे , दर्शल इस प्रथा के पीछे राजपूत और भील में एकता बनाए रखना था । मेवाड़ चिन्ह में एक तरफ महाराणा प्रताप और एक तरफ राणा पूंजा यानी राजपूत और भील का प्रतीक चिन्ह अपनाया गया  [3] । सिसोदिया वर्णसंकर के अनुसार, जब  दिल्ली   सुल्तान   अला...

सिसोदिया राजवंश संदर्भ सुचि

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सिसोदिया राजपूत राजवंश संबंधी संदर्भ पुस्तिका

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